उत्तराखण्ड
बद्रीनाथ धाम से योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची देवडोलियां।
संवादसूत्र देहरादून /चमोली: देवडोलियां बदरीनाथ धाम से रविवार अपराह्न योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची। श्री उद्धव जी योग बदरी पांडुकेश्वर तथा कुबेर जी कुबेर मंदिर पांडुकेश्वर में शीतकाल प्रवास करेंगे।
भगवान बदरीविशाल के वाहक गरुड़ जी मंदिर खजाने के साथ शनिवार देर रात नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचे।
रविवार को रावल / धर्माधिकारी वेदपाठियों के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी ने योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गयी। आज रात्रि प्रवास के बाद सोमवार 20 नवंबर प्रात: श्री नृसिह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार 18 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये है। कपाट बंद होने के बाद गढ़वाल स्काउट के बैंड के साथ रविवार सुबह 10 बजे बदरीनाथ धाम से प्रस्थानकर श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी तथा रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सहित आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट एवं सैकड़ो श्रद्धालु – हक हकूक धारियों के साथ देवडोलियां योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची। जहां देवडोलियों का भब्य स्वागत हुआ।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान देवडोलियों के साथ ही बदरीनाथ धाम से योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचे। इस दौरान बिनातोली, हनुमान चट्टी,लामबगड़ जेपी डेम साइट, पांडुकेश्वर बाजार में श्रद्धालुओं ने देवडोलियों के दर्शन किये।
कपाट बंद होने के बाद शनिवार 18 नवंबर शाम को श्री कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव पंहुंचे थे। 19 नवंबर रविवार को बामणी से प्रस्थान कर पांडुकेश्वर पहुंचे। जबकि बदरीनाथ से रविवार19 नवंबर रविवार प्रात: 10 बजे को श्री उद्धव जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी रावल जी सहित पांडुकेश्वर पहुंचे।रविवार को श्री कुबेर जी, उद्वव जी एवं शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंचने के दौरान जय बदरीविशाल तथा सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गूंज उठा।इस दौरान लोगों ने देवडोलियों पर फूल वर्षा की।
श्री उद्धव जी योग बदरी मंदिर एवं कुबेर जी अपराह्न अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर में पहुंचे जहां पांडुकेश्वर गांव के श्रद्धालुओं ने कुबेर जी श्री उद्धव जी तथा शंकराचार्य गद्दी सहित रावल जी का स्वागत किया तथा महिला मंगल दल पांडुकेश्वर ने भजन कीर्तन का आयोजन किया।
श्री कुबेर जी श्री उद्धव जी शीतकाल छ:मास पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। जबकि श्री गरूड़ जी शीतकाल में जोशीमठ प्रवास करेंगे। भगवान नारायण के वाहक श्री गरुड़जी शनिवार देर रात मंदिर समिति खजाने के साथ श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच गये हैं इस अवसर पर जोशीमठ बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सोमवार 20 नवंबर प्रात: आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी तथा दोपहर तक श्री नृसिंह मंदिर पहुंचेगी।
शीतकाल छ: माह श्री नृसिंह मंदिर स्थित आदि गुरु शंकराचार्य गद्दीस्थल प्रवास करेंगी। इसके पश्चात योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाये शुरु होंगी और इसी के साथ यात्रा वर्ष 2023 का भी समापन हो जाता है।