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जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के 34वें दीक्षा समारोह में पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।

उत्तराखण्ड

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के 34वें दीक्षा समारोह में पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।

संवादसूत्र देहरादून/पंतनगर (ऊधम सिंह नगर):राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हमारे राष्ट्र का गौरव है। इसने देश की सेवा उस समय की थी, जब देश आजाद हुआ था और खाद्यान्न का संकट था। भारत के मुकाबले चीन के पास कम कृषि भूमि होने के बावजूद वहां उत्पादन अधिक है। हमें अपना उत्पादन बढ़ाना होगा। विद्यार्थियों से कहा कि आप सब इसके सैनिक हैं जो उत्पादकता को बढ़ाएंगे। क्योकि जिस तरह बार्डर पर सैनिकों के लिए चुनौती है, उससे कम चुनौती कृषि विज्ञानियों व शोधकर्ताओं के सामने भी नही है।
गुरुवार को एनएसए डोभाल पंत विवि के 34वें दीक्षा समारोह में पंतनगर पहुंचे। यहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(रि.) गुरमीत सिंह ने उन्हें विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किया। समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि आजादी से पहले अकाल पड़ा था। अकाल से करीब 40 से 50 लाख लोग भुखमरी के शिकार हुए थे। जब भारत का विभाजन हुआ तो 22 मिलियन हेक्टेयर उपजाऊ भूमि पाकिस्तान में चली गई। आजादी के समय देश में 50 मिलियन टन खाद्यान उत्पादन हुआ था,जो वर्तमान में बढ़कर 340 मिलियन टन हो रहा है। पंत विवि की वजह से देश खाद्यान्न में न केवल आत्मनिर्भर हुआ बल्कि निर्यात भी कर रहा है। यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध हुआ तो कई देशों में खाद्यान्न का संकट गहराया। ऐसी स्थिति में भारत ने कई देशों को राशन निर्यात किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है इस विश्वविद्यालय का और यहां के शोधकर्ताओं का कितना अहम योगदान है। यहां से वर्ष 1960 से विज्ञानी निकल रहे हैं। जिस वक्त देश आजाद हुआ इस वक्त चीन और भारत का उत्पादन बराबर था। चीन का क्षेत्रफल भारत से अधिक है लेकिन चीन में सिर्फ 15 प्रतिशत भूमि पर खेती होती है। वर्तमान में भारत में 1.7 मिलियन वर्ग मीटर क्षेत्रफल में और चीन में 1.4 मिलियन वर्ग मीटर भूमि में खेती हो रही है।लेकिन चीन का उत्पादन हमारे यहां से तीन गुना ज्यादा होता है।

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