उत्तराखण्ड
जमीन धोखाधड़ी में जेल में बन्द उद्योगपति विंडलास समेत 10 के विरुद्ध सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट।
संवादसूत्र देहरादून: राजधानी देहरादून के राजपुर क्षेत्र में जमीन धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद उद्योगपति सुधीर विंडलास सहित 10 आरोपितों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआइ की ओर से दून पैरामेडिकल कालेज के संचालक संजय सिंह चौधरी की तहरीर पर दर्ज दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल की है। दोनों चार्जशीट में गिरफ्तार पांच आरोपित सुधीर विंडलास सहित उनके मैनेजर रवि दयाल व कर्मचारी योगेश त्यागी, राजू रावत और महावीर को शामिल किया है। इनके अलावा पांच अन्य व्यक्तियों का नाम भी चार्जशीट में शामिल है। 21 दिसंबर 2023 को सीबीआइ ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
वर्ष 2022 में दून पैरामेडिकल कालेज के संचालक संजय सिंह चौधरी ने आरोप लगाया था कि सुधीर विंडलास ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर जोहड़ी गांव स्थित उनकी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया है। आरोपित ने शिकायतकर्ता व उनके स्वजनों की जगह अपने स्टाफ को खड़ा कर रजिस्ट्री करवाई। यह आरोप भी लगाया कि न्यायालय में झूठे प्रमाण पत्र लगाकर जमीन बिक्री के करार को एकतरफा खत्म करा दिया गया। इस मामले में 09 जनवरी 2022 को राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
जमीन धोखाधड़ी के क्रम में ही 25 जनवरी 2022 को दून पैरामेडिकल कालेज के मालिक संजय सिंह चौधरी की शिकायत पर राजपुर थाने में दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें सुधीर विंडलास के साथ उनके भाई प्रदीप विंडलास को भी आरोपित बनाया गया। इस मामले में बताया गया कि संजय सिंह चौधरी ने जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी थी, उनके साथ मिलीभुगत करके सुधीर ने उसे दोबारा अपने नाम रजिस्ट्री करवा दी।
उद्योगपति विंडलास के खिलाफ दो अन्य मामलों में अभी विवेचना जारी है। दुर्गेश गौतम निवासी राजपुर ने वर्ष 2018 में पुलिस की एसआइटी (भूमि) से इस प्रकरण की शिकायत की थी। दुर्गेश का आरोप था कि सुधीर और उनके साथियों ने राजपुर में करीब 01 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। इसमें तहसील के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप भी था। एसआइटी की जांच के बाद मामले में 14 फरवरी 2018 को राजपुर थाने में आरोपितों के विरुद्ध जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं, 13 जनवरी 2022 को लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानू (रिटायर) ने विंडलास व उसके सहयोगियों पर सरकार की ओर से उन्हें जोहड़ी गांव में आवंटित भूमि कब्जाने का आरोप लगाया। इन दोनों मुकदमों की विवेचना भी सीबीआइ में गतिमान है।
उद्योगपति सुधीर विंडलास, उनके रिश्तेदारों व कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज चार मामलों में पहले राजपुर थाने में जांच चली। इसी बीच शिकायतकर्ता संजय सिंह चौधरी ने सरकार से आग्रह किया कि मामला हाई प्रोफाइल है। इसलिए इन मुकदमों की जांच सीबीआइ को दे दी जाए। इस पर 11 अक्टूबर 2022 को सरकार ने विंडलास पर दर्ज सभी मुकदमों की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की। इसी आधार पर जनवरी 2023 में सीबीआइ की एंटी क्रप्शन शाखा देहरादून में चारों मुकदमों को दर्ज किया गया।