उत्तराखण्ड
प्रॉपर्टी को लेकर रिटायर्ड अध्यापक की हत्या, शव को सौंग नदी में फेंका।
संवादसूत्र देहरादून: प्रॉपर्टी को लेकर तीन आरोपितों ने एक रिटायर्ड टीचर की हत्या कर दी, और मृतक के शव को बोरी में डालकर सौंग नदी में फेंक दिया। घटना के करीब डेढ़ महीने बाद मामले का पर्दाफाश हुआ है।
डीआईजी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि 31 अगस्त को डोईवाला का एक व्यक्ति शिकायत लेकर पहुंचा था कि 30 अगस्त की शाम को उनके चाचा सुभाष चंद्र शर्मा निवासी जीवनवाला डोईवाला घर से निकले लेकिन दोबारा घर नहीं लौटे। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और कॉल डिटेल रिकॉर्ड सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इस दौरान पता लगा कि 30 अगस्त की सुभाष चंद्र शर्मा अपने दोस्त विजय जोशी निवासी जीवनवाला के घर गए थे। सुभाष चंद्र शर्मा के विजय जोशी के घर पहुंचने से पहले ही वहां दो लोग मोटरसाइकिल पर आए थे। काफी देर तक वह विजय जोशी के घर पर ही रहे। इस मामले में पुलिस ने विजय जोशी से पूछताछ की लेकिन उसने कुछ नहीं बताया और पुलिस पर ही आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए। जांच में पाया गया कि विजय जोशी और सुभाष चंद्र शर्मा पुराने दोस्त थे। सुभाष चंद्र जोशी के सारे व्यक्तिगत व जमीन संबंधी काम विजय जोशी जी करता था। विजय जोशी ने सुभाष चंद्र शर्मा का एक प्लाट धोखे से अपने नाम कर दिया था। सुभाष चंद्र का विजय जोशी के ऊपर चार पांच लाख रुपए उधार भी था और सुभाष चंद्र लगातार विजय जोशी पर रुपए वापस करने का दबाव बना रहा था। 14 सितंबर को लापता सुभाष चंद्र शर्मा का शव सौंग नदी के नारे से बरामद हुआ। मृतक के स्वजनों ने उसकी पहचान की। पुलिस ने जब घटना वाले दिन विजय जोशी के घर आए दो व्यक्तियों की तलाश की तो इनमें से एक व्यक्ति वीरेंद्र उर्फ रविंद्र निवासी खैरीकला नेपाली फार्म श्यामपुर को हिरासत में लिया गया। पूछताछ करने पर उसने बताया की 30 अगस्त को उन्होंने सुभाष चंद्र शर्मा का गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव बोरी में डालकर सॉन्ग नदी में फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस ने विजय जोशी और वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं उनका तीसरा साथी सतपाल निवासी खैरी कला नेपाली फार्म अभी भी फरार है।