Connect with us

सर्टिफाइड गाइड्स ही आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करवाएंगे,30% जनजातीय महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

उत्तराखण्ड

सर्टिफाइड गाइड्स ही आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करवाएंगे,30% जनजातीय महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

संवादसूत्र देहरादून: सीमावर्ती गांवों में रहने वाले जनजातीय लोगों ने अपनी स्थानीय परंपराओं एवं संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ सदियों से देश की रक्षा की है। भारत खुद को इसलिए सुरक्षित महसूस करता है क्योंकि इन सीमावर्ती गांवों के निवासी निगरानी कर रहे हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में सीमावर्ती गांवों के महिलाओं एवं युवाओं के सशक्तिकरण एवं कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का धारचूला में समापन हुआ।
वाइव्रेंट योजनाओं में धारचूला के सीमांत क्षेत्र में पर्यटन विकास पर विशेष फोकस किया गया। व्यास घाटी दो वर्ष पूर्व ही सड़क से जुड़ी है। लिपुलेक तक सड़क निर्माण हो जाने के बाद अब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचने लगे हैं। स्थानीय लोगों को भी अब सड़क मार्ग से आवागमन की सुविधा मिल गई है।

देश-दुनिया से धारचूला आने वाले पर्यटकों को बेहतर सेवाएं और मार्गदर्शन करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा धारचूला के सीमान्त गांव गर्ब्यांग, दुग्तु, गुंजी, कुटी, नेपालचू, नाबी, रोंगकोंग, बार्लिंग के 50 प्रशिक्षु धारचूला, पिथौरागढ़ के 50 युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग में 30% महिलाओं की भागेदारी रही जो वर्ड वाचिंग, सफारी, ट्रेकिंग, माउंटेरिंग समेत पर्यटकों को जंगलों की सैर कराने में मार्गदर्शन करेंगे।

सीमांत क्षेत्र की तीनों घाटियों दारमा, व्यास और चौंदास में वन्य प्राणी, वनस्पति और जीव-जंतुओं को बचाने के साथ उसमें पर्यटन विकसित करने के लिए ग्रामीण युवकों को ‘नेचर गाइड’ बनाने की योजना शुरू की गई थी। प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण में नेचर गाइड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और पर्यटकों को प्रकृति के साथ जोड़ सकता है। पर्यटन विभाग द्वारा धारचूला के आसपास वाइब्रेंट गांव के लोगो को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नेचर गाइड की ट्रेनिंग प्रदान करी गयी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को पर्यटन, वाइल्ड लाइफ, इको टूरिज्म साइट के बारे में जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षुओं को ईको टूरिज्म और नेचर टूर गाइड की प्रस्तुति, व्यवहार, संचार, और जिम्मेदार पर्यटन आदि विभिन्न पक्षों पर प्रशिक्षण दिया गया। इस पूरे प्रोग्राम को लीड कर रहीं उत्तराखंड पर्यटन परिषद की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद ने बताया कि इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड के स्थानीय युवा पर्यटन व्यवसाय से जुड़ें और अपने आसपास स्वरोजगार की संभावनाओं पर काम करें. साथ ही उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत धारचूला की तीनो घाटियों में स्किल टूरिस्ट गाइड की फौज खड़ी की जा रही है, जिससे उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को क्वालिटी टूरिज्म में बढ़ावा देखने को मिलेगा, साथ ही साथ धारचूला की तीनो घाटियों के ऐसे ट्रेक रूट जो कि अभी पर्यटन के नक्शे पर नहीं हैं, उन्हें भी बढ़ावा दिया जाएगा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, प्रशिक्षुओं को पंचाचूली बेस कैंप ले जाया गया, जहां सभी ने ताजा बर्फबारी का आनंद लिया
कार्यक्रम के समापन समारोह में रं संस्कृति का इंद्रधनुषी रंग बिखर गया। दारमा, चौदांस, व्यास घाटी के प्रशिक्षुओं ने अपने क्षेत्र के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मचा दी।

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page

About Us

उत्तराखण्ड की ताज़ा खबरों से अवगत होने हेतु संवाद सूत्र से जुड़ें तथा अपने काव्य व लेखन आदि हमें भेजने के लिए दिये गए ईमेल पर संपर्क करें!

Email: [email protected]

AUTHOR DETAILS –

Name: Deepshikha Gusain
Address: 4 Canal Road, Kaulagarh, Dehradun, Uttarakhand, India, 248001
Phone: +91 94103 17522
Email: [email protected]