उत्तराखण्ड
हाई कोर्ट ने नंधौर ईको सेंसटिव जोन में खनन पर बढ़ाई रोक।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने ईको सेंसटिव जोन नंधौर वन क्षेत्र में बाढ़ राहत स्कीम के तहत माइनिंग की अनुमति देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की । मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद बाढ़ राहत कार्य के तहत नदी से निकलने वाले खनिजों के दोहन पर लगी रोक को आगे बढ़ाते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई को चार सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। चोरगलिया हल्द्वानी निवासी दिनेश कुमार चंदोला ने जनहित याचिका दायर कहा है कि हल्द्वानी का नंधौर क्षेत्र ईको सेंसटिव जोन में आता में है।इस क्षेत्र में सरकार ने बाढ़ से बचाव कार्यक्रम के नाम पर माइनिंग करने की अनुमति दे रखी है। इसका फायदा उठाते हुए खनन कंपनियों की ओर से मानकों के विपरीत जाकर खनन किया जा रहा है। एकत्रित मैटीरियल को क्रशर के लिए ले जाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। याचिका में कहा गया कि ईको सेंसटिव जोन में खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि यह पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व ईको सेंसटिव जोन के नियमावली के विरुद्ध है । इस पर रोक लगाई जाए।