उत्तराखण्ड
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले अब तक किये 94 हजार करोड़ के एमओयू।
संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग करने के पश्चात नई दिल्ली में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत पहले लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली, दुबई और अबू धाबी के साथ चेन्नई, बैंगलौर तथा अहमदाबाद में विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई है। जिसमें पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, एग्री, ऊर्जा, लॉजिस्टिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं हॉस्पिटैलिटी आदि के क्षेत्र में निवेशकों से काफी करार हुए हैं। निवेशक उत्तराखण्ड में निवेश के प्रति काफी आकर्षित है। अभी अहमदाबाद में 50 से अधिक उद्योग समूहों के साथ आयोजित बैठक के बाद लगभग 24 हजार करोड़ के निवेश पर करार के साथ अब तक लगभग 94 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर करार हो चुके है। अभी आगामी दिनों में मुम्बई में भी निवेशकों के साथ संवाद एवं रोड शो आयोजित होना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास 08-09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट तक प्राप्त सभी करारों को धरातल पर उतारने का है। उन्होंने कहा कि इस संबंध जो भी सुझाव प्राप्त हुये हैं, उन पर अमल किया जा रहा है। राज्य हित में उपयोगी प्रस्तावों का भी गहनता से आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूती देने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, निवेशकों, उद्योगों एवं उत्तराखण्ड के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की थीम को “पीस टू प्रोस्पेरिटी” रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड, देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों में उत्तराखण्ड में निवेश के प्रति काफी उत्साह देखा गया है। राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण होने के कारण इसकी अपार संभावनाएं हैं। राज्य में 06 हजार एकड़ का लैंड बैंक बनाया गया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए और प्रोत्साहन दिया जायेगा। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य और बेहतर मानव संसाधन निवेशकों को उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए कार्य किये जा रहे हैं।