उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने किया राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ 2021 का शुभारंभ।
तीन आयु वर्ग में 12 खेल विधाओं का किया जा रहा है आयोजन।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंगल दलों को प्रदान किये राज्य स्तरीय विवेकानन्द यूथ अवार्ड।
संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज, रायपुर देहरादून में राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ 2021 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर खेल मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय भी उपस्थित थे। 08 दिसम्बर 2021 से चलने वाले इस खेल महाकुंभ में तीन आयुवर्ग अण्डर-14, अण्डर-17 एवं अण्डर 21 में बालक एवं बालिकाओं की कुल 12 खेल विधाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर, जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंगल दलों को वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के राज्य स्तरीय विवेकानन्द यूथ अवार्ड प्रदान किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि खेल महाकुंभ 2021 में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को नई खेल नीति के अनुसार सभी सुविधाएं अनुमन्य कराई जायेंगी। पीआरडी स्वयं सेवकों को भी होमगार्ड जवानों की भांति प्रतिदिन 70 रूपये मानदेय बढ़ाया जायेगा। पीआरडी स्वयं सेवकों को सामाजिक सुरक्षा बीमा का लाभ दिया जायेगा एवं पीआरडी स्वयं सेवक की ड्यूटी के दौरान मुत्यु होने पर उनके आश्रितों को 02 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। पीआरडी स्वयं सेवकों को प्रत्येक वर्ष 300 दिन का कार्य दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने खेल महाकुंभ में प्रतिभाग कर रहे सभी खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों का महत्व हमारे जीवन में सूर्य के उस प्रकाश की भांति हैं, जो अपनी पहली किरण के साथ अंधकार को मिटाता है। खिलाड़ियों में समयबद्धता, धैर्य एवं अनुशासन बनाने में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खेल के क्षेत्र में अपने बचपन की यादों को भी साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जीवन में समय का सदुपयोग बहुत जरूरी है, समय कभी वापस लौटकर नहीं आता। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विकल्प रहित संकल्प का होना जरूरी है। यदि मन में उत्साह हो तो, कार्य के प्रति ऊर्जा स्वतः ही आ जाती है। उन्होंने प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का उदाहरण देते हुए कहा कि ध्यानचंद की खेल भावना और देश के प्रति समर्पण जग जाहिर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खेलों व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए खेल नीति-2021 लागू की गई है। खेल नीति में खिलाड़ियों के उन्नयन, खेल प्रतिभाओं को तलाशने, निखारने व उभारने, खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने, खिलाड़ियों के नियोजन, सामान्य आहार के साथ-साथ बेहतर डाइट की व्यवस्था, खिलाड़ियों के लिए रोज़गार के अवसर तथा सम्बंधित पूर्ण सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। युवाओं में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए उचित आर्थिक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। राज्य के हर ग्राम पंचायत में ’’स्वस्थ युवा स्वस्थ उत्तराखंड’’ योजना के अन्तर्गत ओपन जिम खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली वंदना कटारिया को राज्य ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है। युवा कल्याण एवं प्रान्तीय विकास दल के युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को स्वावलम्बन हेतु 6 माह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड खेल प्रदेश के रूप में अपनी अलग पहचान बनायेगा।
मुख्यमंत्री ने सचिव खेल को निर्देश दिये कि खेल विभाग द्वारा विगत में कराए गए सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाय की कार्य की गुणवत्ता के प्रति कोई लापरवाही न हो। कार्य के प्रति लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाय।
खेल मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में प्रतिभाग कर रहे सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल महाकुंभ के आयोजन से खिलाड़ियों को प्लेटफॉर्म मिल रहा है। ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं को खोजा रहा है। राज्य की नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नई खेल नीति में जो व्यवस्थाएं की गई हैं, ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ियों आने वाली कठिनाइयों का निवारण किया गया है।
इस अवसर पर सचिव खेल श्री दीपेन्द्र चौधरी, खेल निदेशक श्री जी.एस. रावत, खेल, युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल के अधिकारी एवं खेल महाकुंभ 2021 में प्रतिभाग करने वाले सभी जनपदों के खिलाड़ी मौजूद थे।