उत्तराखण्ड
प्रदेशभर के वन क्षेत्र में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशी जाएंः मुख्य सचिव।

संवादसूत्र देहरादून: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में ईको टूरिज्म के क्षेत्र में और संभावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का अधिकतम भू-भाग वन क्षेत्र हैं, जो प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में सक्षम है। उन्होंने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही इसमें सामुदायिक सहभागिता बढ़ाए जाने की भी बात कही।
पर्वतारोहण एवं ट्रेकिंग की अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम किया जाए तैयार
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी गतिविधियों को निर्धारित समय पर शुरू किया जा सके, इसके लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए और योजनाओं के कैलेंडर के अनुसार संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रकृति से बिना छेड़-छाड़ किए छोटे-छोटे प्रयासों से पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि फॉरेस्ट वॉकिंग, नेचर ट्रेल जैसी गतिविधियों को बढ़ाया जाए। कहा कि पर्वतारोहण और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने हेतु सिंगल विंडो सिस्टम में तैयार किया जाए, ताकि देश विदेश से सभी प्रकार की अनुमतियां एक बार आवेदन से प्राप्त हो सकें। उन्होंने वन विभाग को कैंपिंग साइट्स भी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
फॉरेस्ट से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए एकीकृत वेबसाइट की जाए तैयार
मुख्य सचिव ने पर्यटकों की संख्या एवं राजस्व के लक्ष्यों को बड़ा रखने के निर्देश दिए। कहा कि आने वाले समय में योजनाएं लक्ष्यों के अनुरूप बनाई जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अलग-अलग प्रभागों में अलग-अलग संचालित हो रही पर्यटन गतिविधियों अथवा योजनाओं के लिए अलग-अलग वेबसाइट्स के बजाय एक एकीकृत वेबसाइट तैयार की जाए, ताकि पर्यटकों को एक ही जगह पर सभी सभी पर्यटन गतिविधियों की सम्पूर्ण जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (वन पंचायत) श्री बी. पी. गुप्ता एवं प्रमुख वन संरक्षक श्री रंजन मिश्र, मुख्य वन संरक्षक श्री पी.के. पात्रो सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

