उत्तराखण्ड
हाई कोर्ट ने कूड़ा-कचरा सरयू नदी में डाले जाने पर राज्य सरकार से जल्द जवाब देने को कहा।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी बागेश्वर में दुकानों का कूड़ा-कचरा सरयू नदी में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नआलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने जिलाधिकारी बागेश्वर को इस मामले को प्राथमिकता से देखने के निर्देश दिये हैं, ताकि नदी में इस तरह की कोई गतिविधियां ना हों। कोर्ट ने राज्य सरकार, जिलाधिकारी व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद बागेश्वर व जिला प्रशासन की तरफ से किया जाता है। नगर पालिका सरयू नदी के तट सभी प्रकार की दुकानें आवंटित करती है। जिसमें खाने व मीट की दुकानें भी शामिल हैं। मीट की दुकानों का सारा वेस्ट सरयू नदी में डाला जा रहा है। जिससे कि नदी प्रदूषित हो रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी स्थित हैं, जिससे लोगो की धार्मिक भावनाओं का हनन भी किया जा रहा है। इसको रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन व नगर पालिका को प्रत्यावेदन दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।