उत्तराखण्ड
आगे से दुःख के पलों में नहीं होना पड़ेगा परिजनों को परेशान : जिलाधिकारी।
संवादसूत्र देहरादून: जिलाधकारी आर राजेश कुमार ने आम जनता को बड़ी राहत देने वाला फैसला लिया है यह फैसला इसलिए राहत देने वाला है क्योंकि जिससे लोगों के कुछ दुख जरूर कम होंगे जी हां ऐसी घटनाये जिनमें मृतक के परिजनों द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम (शव परीक्षण) न कराये जाने का अनुरोध किया जाता है, के सम्बन्ध में पोस्टमार्टम न कराये जाने के लिए सम्बन्धित थानाध्यक्ष एवं क्षेत्राधिकारी की संस्तुति के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश निर्गत किये जाते है।
जनपद देहरादून के कई क्षेत्र पर्वतीय एवं सुदूवर्ती क्षेत्रों के अन्तर्गत आता है, ऐसे में यदि मृतक के परिजन पोस्टमार्टम न कराये जाने का अनुरोध करते है और पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम न कराये जाने की संस्तुति की जाती है तो सम्बन्धित परिजनों को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से सम्पर्क करना होता है। जिससे मृतक के परिजनों को दुखद क्षणों में अत्यन्त परेशानी का सामना करना पड़ता है
जनहित में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 23 (2) में वर्णित अधिकारिता में दी गई शक्तियों के अधीन पूर्व में निर्गत कार्य वितरण आदेश के आधार पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 174 में उल्लिखित प्रकरणों के अतिरिक्त जाँच अधिकारी / थानाध्यक्ष की मृत्यु समीक्षक आख्या जिसकी संस्तुति सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई हों. में उल्लिखित अनुरोध पर अन्तिम निर्णय जनपद देहरादून के सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेटों / नगर मजिस्ट्रेट द्वारा अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत लिया जायेगा। उक्त आदेश तत्काल प्रभावी होगा।