उत्तराखण्ड
अध्यापकों को अच्छा वेतन व सुविधाएं मिलने के बावजूद शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कमी : सीएम
प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी वर्गों के छात्रों को भी अगले वर्ष से निशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी पाठ्य पुस्तकें।
राजकीय विद्यालयों के कक्षा 12 के 100 टॉपर्स को 5 साल तक उच्च शिक्षा की तैयारी के लिये प्रदान की जायेगी छात्रवृत्ति।
संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश देने के साथ ही शिक्षा के विकास तथा छात्रों के व्यापक हित में प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी वर्गों के छात्रों को भी अगले वर्ष से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की। उन्होंने अध्यापकों के स्थानान्तरण सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु महानिदेशक शिक्षा के अधीन सेल का गठन कर प्रकरणों का निस्तारण करने, छात्रों को अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों में अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर के गेस्ट टीचरों की व्यवस्था किये जाने, तथा राजकीय विद्यालयों के कक्षा 12 के 100 टॉपर्स को 5 साल तक उच्च शिक्षा की तैयारी के लिये छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों तथा शिक्षण व्यवस्था के व्यापक हित में सभी अधिकारी माह में एक दिन किसी स्कूल में स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम बनायें इससे विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ही परिसर में संचालित विद्यालयों के एकीकरण के प्रस्तावों के निस्तारण के लिये महानिदेशक शिक्षा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करने के भी निर्देश दिये। मैदानी क्षेत्र की कक्षा 9 की छात्राओं को साइकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र की छात्राओं को 2850 रुपये की धनराशि के वितरण का प्रस्ताव भी शीघ्र तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण विभाग है, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये शिक्षकों तथा शिक्षा से जुड़े अधिकारियों से नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करने की अपेक्षा करते हुए कार्यों में तेजी लाने के लिये नियमों के सरलीकरण, समस्याओं का समाधान के साथ निस्तारण तथा सबकी संतुष्टि के मंत्र के साथ दायित्वों के निर्वहन के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारे विद्यालयों में अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करें, हमें इसके लिये गंभीरता एवं सक्रियता से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के महानुभाव जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर साधारण से असाधारण की यात्रा करने के साथ जमीन से आसमान छूने का कार्य किया है वह सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों से पढ़कर निकले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापकों को अच्छा वेतन व सुविधाएं मिलने के बावजूद शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कमी रहने का यह प्रश्न हम सबके सामने है। इस दिशा में हम सबको चिंतन करना होगा। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमें पूरे मनोयोग से शिक्षा की बेहतरी के लिये प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को माता-पिता संस्कारवान बनाते हैं तो उन्हें शिक्षित बनाने तथा उनके व्यक्तित्व निर्माण का कार्य शिक्षकों का होता है। शिक्षकों की देश का योग्य भावी नागरिक तैयार करने की भी जिम्मेदारी है। दूसरों को ज्ञान बांटना बड़ा पुण्य का कार्य है। हमारे द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्यों को ईश्वर भी देखते हैं।
बैठक में सचिव शिक्षा राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के प्रशासनिक व शैक्षिक ढांचे, भावी कार्य योजनाओं, वित्तीय स्थिति आदि की जानकारी दी।
इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक शिक्षा राकेश कुंवर सहित अन्य अधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि उपस्थित थे।