उत्तराखण्ड
स्टोन क्रशर पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने रामनगर के शक्खनपुर में मनराल स्टोन क्रशर के अवैध रूप से संचालित होने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश को आगे बढाते हुए अगली सुनवाई 13 अप्रैल के लिए नियत की है। पिछली बार कोर्ट ने स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगा रखी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या राज्य में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति देने से पूर्व साइलेंट जोन, इंडस्ट्रियल ज़ोन, और रेजिडेंशियल जोन का निर्धारण किया गया था?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया था कि राज्य को बने हुए 21 साल हो गए है। अभी तक यह स्पष्ट नही हो पाया कि कौन सा क्षेत्र आवासीय है और कौन सा क्षेत्र औद्योगिक या शांत क्षेत्र। जहां मर्जी वहां स्टोन क्रशर खोले जाने की अनुमति दी जा रही है। जबकि हाई कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि कोर्ट के आदेश के बिना स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति नही दी जाय। उसके बाद भी पीसीबी व सरकार ने पुरानी तिथि से इसे लगाने की अनुमति दे दी। यह स्टोन क्रशर आबादी क्षेत्र में लगाया गया है।
यह है याचिका
रामनगर निवासी आनंद सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क के समीप शक्खनपुर में मनराल स्टोन क्रशर अवैध रूप से चल रहा है। स्टोन क्रशर के पास पीसीबी का लाइसेंस नही है। लिहाजा स्टोन क्रशर को बंद किया जाए।