Connect with us

तु अजांण किलै चा?

कविता

तु अजांण किलै चा?

गढ़वाली कविता

हरदेव नेगी

हे छोरी
तु अजांण किलै चा?
त्वेन बि डाळ्यूँ का फूल ब्यूंणिनि
अर अपड़ा मन का मायादारा नौउ का
फूल लटुल्यों मा अळझैनि,….
हे छोरि
फिर भी तु अजांण किलै चा?तु अपड़ी उळ्झी लटुल्यों तैं सुळझौंणि रे
पर त्वेन बगदा बथौं कि सार तार किलै नि बींगि?
बथौं बणिंक सु त्वे बिजाळि ग्ये फर
तु ओडळा बथै कि मन फ्येरि ग्ये ।…
हे छोरि
फिर भी तु अजांण किलै चा?त्वे बि लगै होलु कैन पराज,
फर त्वेन कबि किलै यन नि पूछि कि कु होलु?
पांणि का घूट प्येकि
तु अपड़े भितर बडुळ्यों तैं घुटक – घुटक घुळड़ी रै।
….
हे छोरि
फिर भी तु अजांण किलै चा?नया – नया सौंजड़्यों द्येखि
त्वेन बि अपड़ु मन ब्यळमैं होलु,
कै ना कैकु ख्याळ त्वेन बि स्वींणा मा सजै होलु,
स्वींणु राते जून दगड़ि कखि दूर बुझि ग्ये,
अर् तु यखुलि – यखुलि खौळे सि रै ग्ये,,
हे छोरि
फिर भी तु अजांण किलै चा?

हरदेव नेगी गुप्तकाशी(रुद्रप्रयाग)

GarhwaliPoetry #GarhwaliKavita #storyteller

More in कविता

Trending News

Follow Facebook Page

About Us

उत्तराखण्ड की ताज़ा खबरों से अवगत होने हेतु संवाद सूत्र से जुड़ें तथा अपने काव्य व लेखन आदि हमें भेजने के लिए दिये गए ईमेल पर संपर्क करें!

Email: [email protected]

AUTHOR DETAILS –

Name: Deepshikha Gusain
Address: 4 Canal Road, Kaulagarh, Dehradun, Uttarakhand, India, 248001
Phone: +91 94103 17522
Email: [email protected]